कौन है वह जिसने जिंदगी में एक रिश्ते का मायन बता दिया।
गोद में बिठाकर आज भी प्यार से सेलाता है।
गोद में बिठाकर आज भी प्यार से सेलाता है।
जब तक ना मिलूं मैं उससे गले उसे चैन कहां आता है?
कभी मां का कभी बाप का कभी दोस्त का फर्ज निभाता है।
मेरी जिंदगी में यह इकलौता इंसान कई किरदार अदा कर जाता है।
वह बाप ही तो है जो इतनी मोहब्बत बरसाता है।
यार तुम भी हद करते हो बाप हूं में तुम्हारा।
कुछ तो शर्म करो कहकर इस बात को हंसी में उड़ा जाता है।
बच्चों की तरह हम से लड़ना फिर खुद कभी बच्चा बनकर हमारी गोद में सोना।
कभी हमें सिखाना कभी हमसे सीखना।
हल्का सा गुस्सा करके खुद ही उसका मजाक बनाना।
हंसी हंसी में जिंदगी के बहुत से सबक सिखाना।
इतना बड़ा दिल और ऐसी अदाकारी यार तू कहां से लाता है?
यार तू यह उम्र का फर्क कैसे मिटाता है?
इतने सारे किरदार एक साथ कैसे निभाता है?
-nats
Gold Poem Copyright 2020
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