स्कूल का पेहला दिन था उसका,वो थोरी घबराई थी
सब देख रहे थे उसको,नई थी और दूसरा थोरा लेट जो आई थी
सब दौरे उसका नाम पूछने साथ मेरे भी दो यार जगये थे....
जब देखा था पेहली दफा उसे तभी हम अपना दिल हार गये थे
चेहरे से मासूम थू बिल्कुल और बरी सिम्पल नज़र आती थी,जब भी हस्ती थी वो,तो उसकी cute सी डिंपल बन जाती थी....
उसे हसाने को अब मैं खुद का भी मज़्ज़ाक बनाता था,उसे जैसा पसन्द होता मैं बिल्कुल वैसा बन जाता था ....
अब जो मैं कभी लेट जाता तो मेरे दोस्त खुद उठकर मुझे उसके साथ बिठाते थे....
यारों को तो छोर हाय दो,मुझे दूसरे भी उसके नाम से चिधाते थे
बहुत दिन बीत चुका था अब वो खुद मेरे लिये अपने बगल में जगह बचती थी अब जब भी अचानक देखता उसको तो वो भी मुझे ही देखते नज़र आती थी
अब लगता था जैसे मुझे ही नहीं उसे भी मुझ्से प्यार हो रहा था,हर बात बताती वो मुझको,अब शायद मैं उसका दिलदार हो रहा था....
मैनें अब ठान लिया उसे अपनी प्यार जतानी है,कुछ भी हो जाये उसे दिल की बात बतानी है
उसे पसंद थी बनावटी चीजें
मैंने उसके नाम का लव कार्ड बनाया था ....
कुछ गर्बर ना हो जाये तभी आईने को भी सौ बार अपना प्यार जताया था...
गुलाब लाना भूल गये थे नकारे दोस्त हमारे,तो कलम का ही मैनें तब रोज़ किया....
मंगल को मंगल होगा सोच के उसी दिन उसको पर्पोज किया
घुटने पर बैठा सबके सामने तब मैनें इजहार किया,आंखे बन्द कर ली और कह दिया सुनो,मैंने तुमसे सहाय प्यार किया...
वो इधर-उधर देखने लगी फिर मुझे उठकर बोली,ये तुम क्या कर रहे हो?...
हम तो अछे दोस्त थे ना?फिर तुम मुझपे क्यूँ मर रहे हो?
देखो,जो भी हुआ उसे भूल जाओ,कुछ नहीं होता ये प्यार व्यार...
क्यूँ दोस्ती खराब करनी है हमारी
तुम तो मेरे बेस्ट friend हो yaar ...
सुनके दिल आंसुओ से भर गया,फिर भी कह दिया ये तो बस एक मज़्जाक था पगली..
कार्ड जो छिपयि थी पिछे उसे पिछे ही जेब में रख ली...
आज पछ्तावा हो रहा है अपने प्यार को मज़्ज़ाक बताने का,कह देता सच है तो कम से कम आज मुझे अपने हिम्मत पर गरूर तो होता...
कुछ ना होता...उसे पता होती मेरे प्यार की कम से कम इस बात का दिल को सुकून तो होता।।।
@nandini writer
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